मुश्किल से हाथों में ख़ज़ाना पड़ता है पहले कुछ दिन आना जाना पड़ता है
ख़ुश रहना आसान नहीं है दुनिया में
दुश्मन से भी हाथ मिलाना पड़ता है
यूँ ही नहीं रहता है उजाला बस्ती में
चाँद बुझे तो घर भी जलाना पड़ता है
तू भी फलों का दावेदार निकल आया
बेटा पहले पेड़ लगाना पड़ता है
मुश्किल फ़न हैं ग़ज़लों की रोटी खाना
बहरों को भी शेर सुनाना पड़ता है।~#राहतइंदौरीजी
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